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Article: फैटी लिवर में क्या नहीं खाना चाहिए: सम्पूर्ण मार्गदर्शक

Avoid for Fatty Liver

फैटी लिवर में क्या नहीं खाना चाहिए: सम्पूर्ण मार्गदर्शक

फैटी लिवर यानी मेटाबॉलिक डिसफंक्शन‑एसोसिएटेड स्टियाटोटिक लिवर डिजीज (MASLD) एक ऐसी स्थिति है जिसमें लीवर की कोशिकाओं में ज्यादा वसा जमा हो जाती है। यह अक्सर मोटापा, टाइप‑2 मधुमेह, उच्च ट्राइग्लिसराइड्स या इंसुलिन प्रतिरोध के साथ जुड़ा होता है। उपचार में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका जीवन‑शैली में बदलाव और सही भोजन चयन की होती है। 

गलत भोजन लीवर में अतिरिक्त वसा बढ़ाकर सूजन और फाइब्रोसिस के खतरे को बढ़ा सकता है। इस मार्गदर्शक में हम सरल हिन्दी में चर्चा करेंगे कि फैटी लिवर वाले व्यक्ति को किन खाद्य पदार्थों और पेयों से बचना चाहिए और क्यों।

क्यों कुछ खाद्य पदार्थ फैटी लिवर के लिए हानिकारक हैं?

लीवर हमारे शरीर का "डीटॉक्स" कारखाना है, जो पोषक तत्वों को बदल कर ऊर्जा, प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल बनाता है। जब हम ज्यादा चीनी, परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट, संतृप्त वसा या शराब का सेवन करते हैं, तो लीवर इनको चर्बी (ट्राइग्लिसराइड्स) में बदलने लगता है। 

यह वसा धीरे‑धीरे लीवर की कोशिकाओं में जमा होकर सूजन और फाइब्रोसिस का कारण बनती है। खाद्य पदार्थों में मौजूद अत्यधिक कैलोरी और उच्च फ्रुक्टोज सिरप वजन बढ़ाते हैं और इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाते हैं, जिससे लिवर में वसा जमना आसान हो जाता है।

फैटी लिवर में किन चीज़ों से परहेज करें

नीचे मुख्य खाद्य समूह और पेय दिए गए हैं जिन्हें फैटी लिवर होने पर या जोखिम के समय सीमित या पूरी तरह से छोड़ना चाहिए:

शराब

  • कारण: शराब लीवर की सबसे बड़ी दुश्मन है। यहां तक कि छोटी‑मोटी मात्रा में भी लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है और MASLD को खराब कर सकती है। Healthline के अनुसार, शराब फैटी लिवर और अन्य लीवर रोगों का प्रमुख कारण है।
  • क्या करें: यदि फैटी लिवर का कारण अल्कोहल है, तो पूरी तरह से परहेज करें। यदि MASLD है, तो डॉक्टर की सलाह पर कभी‑कभार सीमित मात्रा में ही लें, लेकिन अधिकतर लोगों के लिए न पीना बेहतर है।

अतिरिक्त चीनी और मीठे पेय

  • कारण: अतिरिक्त चीनी (केण्डी, कुकी, मिठाई, सोडा, पैक्ड जूस) रक्त शर्करा को बढ़ा देती है, जिससे लीवर अधिक चर्बी बनाता है। Healthline बताता है कि मीठी चीजें और पेय लीवर में फैट जमा बढ़ाते हैं। Medical News Today का AGA clinical update भी कहता है कि NAFLD वाले लोगों को शर्करा और फ्रुक्टोज से बचना चाहिए।
  • क्या करें: मीठे पेय, डिब्बा बंद जूस, मिठाई और बेकरी आइटम से बचें। प्राकृतिक मिठास के लिए फल खाएं, लेकिन ध्यान दें कि इन्हें भी सीमित मात्रा में लें।

तले हुए और प्रोसेस्ड भोजन

  • कारण: फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड्स (पकौड़े, समोसे, बिस्किट, पैकेज्ड स्नैक्स) में ट्रांस फैट और संतृप्त वसा अधिक होती है। ये कैलोरी से भरपूर होते हैं और वजन बढ़ाकर लीवर में वसा जमाते हैं। Medical News Today की रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक तले, वसायुक्त या बहुत नमक वाले भोजन का सेवन कैलोरी बढ़ाता है, मोटापा बढ़ाता है और MASLD की संभावना बढ़ाता है।
  • क्या करें: तले हुए भोजन को भाप में पकाए गए या बेक किए हुए विकल्प से बदलें। पैकेजिंग पर ट्रांस फैट या हाइड्रोजेनेटेड तेल देख कर खरीदारी करें।

परिष्कृत (refined) अनाज और सफ़ेद कार्बोहाइड्रेट

  • कारण: सफ़ेद ब्रेड, सफ़ेद चावल और मैदा से बने पास्ता में फाइबर बहुत कम होता है और ये जल्दी ग्लूकोज़ में बदलकर रक्त शर्करा और इन्सुलिन बढ़ाते हैं। Healthline और Medical News Today दोनों बताते हैं कि सफेद ब्रेड, चावल और पास्ता को सीमित करना चाहिए।
  • क्या करें: इनकी जगह साबुत अनाज (ब्राउन राइस, जौ, बाजरा, ओट्स), दालें और भूरे आटे की रोटी चुनें जो फाइबर से भरपूर हैं।

संतृप्त वसा और पशु-आधारित उत्पाद

  • कारण: संतृप्त वसा (गाय/भैंस का घी, मक्खन, फैटी कट्स) लीवर में चर्बी बढ़ाती है और इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाती है। WebMD के अनुसार, संतृप्त वसा से भरपूर पोल्ट्री, फुल-फैट चीज़, फुल-फैट दही, बीफ, पोर्क और डेली उत्पादों से बचना चाहिए। Medical News Today भी बताता है कि ये खाद्य पदार्थ अंगों के आसपास वसा बढ़ाते हैं।
  • क्या करें: कम वसा वाला दूध, दही और पनीर चुनें, पशु-आधारित भारी प्रोटीन की जगह दाल, राजमा, चोले या सोयाबीन/टोफू का उपयोग करें।

प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और हाई सोडियम आइटम

  • कारण: हॉट-डॉग, सॉसेज, सलामी जैसे प्रोसेस्ड उत्पाद और चिप्स, अचार, इंस्टेंट नूडल्स आदि में अत्यधिक सोडियम और संरक्षक होते हैं। Healthline कहता है कि अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थ NAFLD के जोखिम को बढ़ाते हैं और हाई ब्लड प्रेशर वालों को 1,500 mg/दिन से अधिक नमक नहीं लेना चाहिए।
  • क्या करें: खाना बनाते समय कम नमक का उपयोग करें, पैकेज्ड स्नैक्स की जगह ताजे फल-सब्जी खाएँ, और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से परहेज करें।

ट्रांस फैट और हाइड्रोजनेटेड तेल

  • कारण: ट्रांस फैट (मार्जरीन, वेजीटेबल शॉर्टनिंग) और हाइड्रोजनेटेड तेल दिल और लीवर दोनों के लिए हानिकारक हैं और सूजन बढ़ाते हैं। हालांकि हमारे इस्तेमाल किए गए स्रोतों में ट्रांस फैट शब्द सीधे नहीं था, WebMD ने तले‑बेक किए भोजन में पाम या नारियल तेल से बचने को कहा है जो ट्रांस फैट और संतृप्त वसा का संकेत देता है।
  • क्या करें: लेबल पर “ट्रांस फैट फ्री” देखें और जैतून, सरसों, मूंगफली जैसे अनसैचुरेटेड तेलों का उपयोग करें।

उच्च‑फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप (HFCS) और कृत्रिम मीठे पदार्थ

  • कारण: HFCS सोडा, जूस और पैकेज्ड स्नैक्स में आम है। यह लीवर में वसा जमा बढ़ाता है और इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ाता है।
  • क्या करें: लेबल पर “high fructose corn syrup” या “fructose syrup” देखें और ऐसे उत्पाद न खरीदें। गुड़/शहद भी चीनी के ही रूप हैं; इन्हें भी सीमित मात्रा में ही लें।

बचने वाले भोजन का सारांश

खाद्य समूह/वस्तु

उदाहरण

क्यों नहीं? (कारण)

शराब

बीयर, वाइन, व्हिस्की

लीवर की सूजन बढ़ाती है; MASLD को खराब कर सकती है

अतिरिक्त चीनी

कैंडी, केक, कुकी, सोडा, फलों के जूस

रक्त शर्करा बढ़ाकर लीवर में चर्बी जमा करती है

तले/फ्राइड भोजन

समोसे, पकौड़े, तले स्नैक, चिप्स

ट्रांस/संतृप्त वसा उच्च; वजन और सूजन बढ़ाते हैं

परिष्कृत अनाज

सफ़ेद ब्रेड, सफ़ेद चावल, मैदे का पास्ता

फाइबर कम; रक्त शर्करा तेजी से बढ़ाते हैं

संतृप्त वसा और लाल मांस

बीफ, पोर्क, फैटी मटन, फुल‑फैट दही, चीज़

लीवर में वसा जमा बढ़ाता है, इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता है

प्रोसेस्ड मीट/उच्च नमक

सॉसेज, सलामी, अचार, चिप्स

सोडियम और संरक्षकों से भरपूर; ब्लड प्रेशर और लीवर पर दबाव बढ़ाते हैं

ट्रांस/हाइड्रोजनेटेड फैट

मार्जरीन, पाम/कोकोनट तेल में तली चीजें

सूजन बढ़ाते हैं; लीवर और हृदय रोग का खतरा बढ़ाते हैं

स्वस्थ विकल्प: इनकी जगह क्या खाएँ?

हालांकि यह लेख मुख्य रूप से बचने वाली चीज़ों पर केंद्रित है, लेकिन सही विकल्पों का पता होना भी महत्वपूर्ण है ताकि आप संतुलित भोजन बना सकें।

  • साबुत अनाज: ब्राउन राइस, बाजरा, जौ, ओट्स, टूटे गेहूं का उपमा। ये फाइबर और विटामिन से भरपूर होते हैं और रक्त शर्करा धीरे‑धीरे बढ़ाते हैं।
  • दालें और बीन्स: राजमा, चना, मूंग, सोयाबीन और लोबिया पौधे‑आधारित प्रोटीन और फाइबर देते हैं।
  • फल और सब्जियाँ: गाजर, कद्दू, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, जामुन, सेब, अनार और अंगूर जैसे फल। Medical News Today बताता है कि ब्रोकली, नट्स और हरी चाय भी लीवर के लिए अच्छे हैं।
  • स्वस्थ वसा: जैतून तेल, सरसों तेल, मूंगफली तेल जैसे मोनो/पॉली अनसैचुरेटेड फैट वाले तेल; बादाम, अखरोट, अलसी के बीज।
  • कम वसा वाला डेयरी: टोंड दूध, दही और घर का बना पनीर।
  • मसाले और जड़ी‑बूटियाँ: हल्दी, अदरक, दालचीनी और लहसुन में सूजन‑रोधी गुण हैं; इन्हें भोजन में शामिल करें, पर सप्लीमेंट के रूप में लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

जीवन‑शैली के अन्य सुझाव

  • नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता का एरोबिक एक्सरसाइज करें और 2-3 बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें। यह वजन घटाने और लीवर में वसा कम करने में मदद करता है।
  • वजन नियंत्रण: शरीर के वजन का 5–10 % घटाने से लीवर की चर्बी और सूजन में बड़ा सुधार हो सकता है।
  • मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण: हाई ब्लड शुगर और ट्राइग्लिसराइड्स लीवर में वसा बढ़ाते हैं। उचित दवा और जीवन‑शैली से इन्हें नियंत्रण में रखें।
  • पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन: नींद की कमी और तनाव हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता है।
  • हाइड्रेशन: दिन भर पर्याप्त पानी और बिना चीनी वाले पेय (जैसे नारियल पानी, हर्बल चाय) पिएं।

वास्तविक जीवन का उदाहरण

अनुज (37) एक ऑफिस कर्मचारी हैं जिन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच में लीवर एंजाइम बढ़े मिले। डॉक्टर ने उन्हें फैटी लिवर की शुरुआती अवस्था बताई और उनके खान‑पान पर ध्यान देने को कहा। अनुज ने पहले रोज़ शाम को समोसे, कोल्ड ड्रिंक और रात्रि में तला हुआ भोजन खाया करते थे। उन्होंने अपनी आदतें बदली:

  1. मीठे और तले भोजन बंद किए: उन्होंने सोडा और पैकेज्ड जूस छोड़ दिए और नमकीन‑चिप्स की जगह फलों और मूंगफली खानी शुरू की।
  2. साबुत अनाज अपनाए: सफेद चावल के बजाय ब्राउन राइस और रोटी में बाजरा और जौ मिलाया।
  3. दही‑पनीर: पूरी‑फैट दही की जगह टोंड दही और घर का बना पनीर लिया।
  4. नियमित चलना: सुबह‑शाम 30 मिनट पैदल चलना और हफ्ते में दो बार योग करना शुरू किया।
  5. शराब से दूरी: सप्ताहांत पार्टी में भी उसने शराब नहीं पी।

छह महीनों के भीतर उनका वजन 6 किलो कम हुआ और लीवर एंजाइम सामान्य होने लगे। यह दर्शाता है कि अनुशासन और सही चयन से फैटी लिवर को रोका या घटाया जा सकता है।

निष्कर्ष

फैटी लिवर को ठीक करने या इससे बचने में सबसे महत्वपूर्ण कदम क्या खाना है और क्या नहीं का सही चुनाव है। शराब, अतिरिक्त चीनी, तले हुए खाद्य, परिष्कृत अनाज, संतृप्त वसा और उच्च‑सोडियम वाले भोजन लीवर में वसा जमा कर सकते हैं और सूजन बढ़ा सकते हैं।

इसके विपरीत, साबुत अनाज, दालें, फल‑सब्जियाँ, स्वस्थ वसा और नियमित व्यायाम लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। अपने भोजन पर ध्यान दें, डॉक्टर/डाइटीशियन से परामर्श लें और छोटी‑छोटी आदतों में बदलाव करके लीवर की सेहत बेहतर बनाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या गुड़/शहद खाने से नुकसान नहीं होगा? 

गुड़ और शहद प्राकृतिक जरूर हैं, लेकिन इनमें भी चीनी होती है। लीवर पर प्रभाव शक्कर जैसा ही हो सकता है, इसलिए मध्यम मात्रा में ही लें।

2. क्या डिटॉक्स ड्रिंक लीवर साफ़ करते हैं? 

कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि डिटॉक्स ड्रिंक लीवर से “विषाक्त पदार्थ” निकालते हैं। स्वस्थ लीवर स्वयं विषाक्त पदार्थों को हटाने में सक्षम होता है; detox प्रोग्राम कुछ मामलों में नुकसानदायक भी हो सकते हैं।

3. क्या कॉफी पीना सही है? 

रिसर्च में कॉफी का सेवन लीवर फाइब्रोसिस के जोखिम को कम करने से जुड़ा है। लेकिन चीनी और क्रीम मिलाने से बचें और इसे संतुलित आहार के साथ ही लें।

4. क्या फलों का जूस पी सकते हैं? 

पूरा फल फाइबर देता है; जूस में फाइबर नहीं होता और अक्सर अतिरिक्त चीनी होती है। इसलिए ताजा फल ज्यादा बेहतर हैं।

5. क्या सोया या ओट्स से बने दूध पी सकते हैं? 

हां, सोया, ओट्स या बादाम दूध लो‑फैट विकल्प हैं, पर सुनिश्चित करें कि उनमें अतिरिक्त चीनी न हो।

References:

1. Fatty Liver Diet: What Foods to Eat and What Foods to Avoid

https://www.healthline.com/health/fatty-liver-diet

2. Fatty liver diet: Foods to eat and avoid

https://www.medicalnewstoday.com/articles/320082

3. Get Rid of Fatty Liver Disease: Diet, Supplement & Lifestyle Tips

https://www.webmd.com/fatty-liver-disease/fatty-liver-disease-diet

4. Nonalcoholic Fatty Liver Disease and Obesity Treatment - PMC 

https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC6770992/

फैटी लिवर यानी मेटाबॉलिक डिसफंक्शन‑एसोसिएटेड स्टियाटोटिक लिवर डिजीज (MASLD) एक ऐसी स्थिति है जिसमें लीवर की कोशिकाओं में ज्यादा वसा जमा हो जाती है। यह अक्सर मोटापा, टाइप‑2 मधुमेह, उच्च ट्राइग्लिसराइड्स या इंसुलिन प्रतिरोध के साथ जुड़ा होता है। उपचार में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका जीवन‑शैली में बदलाव और सही भोजन चयन की होती है। 

गलत भोजन लीवर में अतिरिक्त वसा बढ़ाकर सूजन और फाइब्रोसिस के खतरे को बढ़ा सकता है। इस मार्गदर्शक में हम सरल हिन्दी में चर्चा करेंगे कि फैटी लिवर वाले व्यक्ति को किन खाद्य पदार्थों और पेयों से बचना चाहिए और क्यों।

क्यों कुछ खाद्य पदार्थ फैटी लिवर के लिए हानिकारक हैं?

लीवर हमारे शरीर का "डीटॉक्स" कारखाना है, जो पोषक तत्वों को बदल कर ऊर्जा, प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल बनाता है। जब हम ज्यादा चीनी, परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट, संतृप्त वसा या शराब का सेवन करते हैं, तो लीवर इनको चर्बी (ट्राइग्लिसराइड्स) में बदलने लगता है। 

यह वसा धीरे‑धीरे लीवर की कोशिकाओं में जमा होकर सूजन और फाइब्रोसिस का कारण बनती है। खाद्य पदार्थों में मौजूद अत्यधिक कैलोरी और उच्च फ्रुक्टोज सिरप वजन बढ़ाते हैं और इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाते हैं, जिससे लिवर में वसा जमना आसान हो जाता है।

फैटी लिवर में किन चीज़ों से परहेज करें

नीचे मुख्य खाद्य समूह और पेय दिए गए हैं जिन्हें फैटी लिवर होने पर या जोखिम के समय सीमित या पूरी तरह से छोड़ना चाहिए:

शराब

  • कारण: शराब लीवर की सबसे बड़ी दुश्मन है। यहां तक कि छोटी‑मोटी मात्रा में भी लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है और MASLD को खराब कर सकती है। Healthline के अनुसार, शराब फैटी लिवर और अन्य लीवर रोगों का प्रमुख कारण है।
  • क्या करें: यदि फैटी लिवर का कारण अल्कोहल है, तो पूरी तरह से परहेज करें। यदि MASLD है, तो डॉक्टर की सलाह पर कभी‑कभार सीमित मात्रा में ही लें, लेकिन अधिकतर लोगों के लिए न पीना बेहतर है।

अतिरिक्त चीनी और मीठे पेय

  • कारण: अतिरिक्त चीनी (केण्डी, कुकी, मिठाई, सोडा, पैक्ड जूस) रक्त शर्करा को बढ़ा देती है, जिससे लीवर अधिक चर्बी बनाता है। Healthline बताता है कि मीठी चीजें और पेय लीवर में फैट जमा बढ़ाते हैं। Medical News Today का AGA clinical update भी कहता है कि NAFLD वाले लोगों को शर्करा और फ्रुक्टोज से बचना चाहिए।
  • क्या करें: मीठे पेय, डिब्बा बंद जूस, मिठाई और बेकरी आइटम से बचें। प्राकृतिक मिठास के लिए फल खाएं, लेकिन ध्यान दें कि इन्हें भी सीमित मात्रा में लें।

तले हुए और प्रोसेस्ड भोजन

  • कारण: फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड्स (पकौड़े, समोसे, बिस्किट, पैकेज्ड स्नैक्स) में ट्रांस फैट और संतृप्त वसा अधिक होती है। ये कैलोरी से भरपूर होते हैं और वजन बढ़ाकर लीवर में वसा जमाते हैं। Medical News Today की रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक तले, वसायुक्त या बहुत नमक वाले भोजन का सेवन कैलोरी बढ़ाता है, मोटापा बढ़ाता है और MASLD की संभावना बढ़ाता है।
  • क्या करें: तले हुए भोजन को भाप में पकाए गए या बेक किए हुए विकल्प से बदलें। पैकेजिंग पर ट्रांस फैट या हाइड्रोजेनेटेड तेल देख कर खरीदारी करें।

परिष्कृत (refined) अनाज और सफ़ेद कार्बोहाइड्रेट

  • कारण: सफ़ेद ब्रेड, सफ़ेद चावल और मैदा से बने पास्ता में फाइबर बहुत कम होता है और ये जल्दी ग्लूकोज़ में बदलकर रक्त शर्करा और इन्सुलिन बढ़ाते हैं। Healthline और Medical News Today दोनों बताते हैं कि सफेद ब्रेड, चावल और पास्ता को सीमित करना चाहिए।
  • क्या करें: इनकी जगह साबुत अनाज (ब्राउन राइस, जौ, बाजरा, ओट्स), दालें और भूरे आटे की रोटी चुनें जो फाइबर से भरपूर हैं।

संतृप्त वसा और पशु-आधारित उत्पाद

  • कारण: संतृप्त वसा (गाय/भैंस का घी, मक्खन, फैटी कट्स) लीवर में चर्बी बढ़ाती है और इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाती है। WebMD के अनुसार, संतृप्त वसा से भरपूर पोल्ट्री, फुल-फैट चीज़, फुल-फैट दही, बीफ, पोर्क और डेली उत्पादों से बचना चाहिए। Medical News Today भी बताता है कि ये खाद्य पदार्थ अंगों के आसपास वसा बढ़ाते हैं।
  • क्या करें: कम वसा वाला दूध, दही और पनीर चुनें, पशु-आधारित भारी प्रोटीन की जगह दाल, राजमा, चोले या सोयाबीन/टोफू का उपयोग करें।

प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और हाई सोडियम आइटम

  • कारण: हॉट-डॉग, सॉसेज, सलामी जैसे प्रोसेस्ड उत्पाद और चिप्स, अचार, इंस्टेंट नूडल्स आदि में अत्यधिक सोडियम और संरक्षक होते हैं। Healthline कहता है कि अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थ NAFLD के जोखिम को बढ़ाते हैं और हाई ब्लड प्रेशर वालों को 1,500 mg/दिन से अधिक नमक नहीं लेना चाहिए।
  • क्या करें: खाना बनाते समय कम नमक का उपयोग करें, पैकेज्ड स्नैक्स की जगह ताजे फल-सब्जी खाएँ, और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से परहेज करें।

ट्रांस फैट और हाइड्रोजनेटेड तेल

  • कारण: ट्रांस फैट (मार्जरीन, वेजीटेबल शॉर्टनिंग) और हाइड्रोजनेटेड तेल दिल और लीवर दोनों के लिए हानिकारक हैं और सूजन बढ़ाते हैं। हालांकि हमारे इस्तेमाल किए गए स्रोतों में ट्रांस फैट शब्द सीधे नहीं था, WebMD ने तले‑बेक किए भोजन में पाम या नारियल तेल से बचने को कहा है जो ट्रांस फैट और संतृप्त वसा का संकेत देता है।
  • क्या करें: लेबल पर “ट्रांस फैट फ्री” देखें और जैतून, सरसों, मूंगफली जैसे अनसैचुरेटेड तेलों का उपयोग करें।

उच्च‑फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप (HFCS) और कृत्रिम मीठे पदार्थ

  • कारण: HFCS सोडा, जूस और पैकेज्ड स्नैक्स में आम है। यह लीवर में वसा जमा बढ़ाता है और इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ाता है।
  • क्या करें: लेबल पर “high fructose corn syrup” या “fructose syrup” देखें और ऐसे उत्पाद न खरीदें। गुड़/शहद भी चीनी के ही रूप हैं; इन्हें भी सीमित मात्रा में ही लें।

बचने वाले भोजन का सारांश

खाद्य समूह/वस्तु

उदाहरण

क्यों नहीं? (कारण)

शराब

बीयर, वाइन, व्हिस्की

लीवर की सूजन बढ़ाती है; MASLD को खराब कर सकती है

अतिरिक्त चीनी

कैंडी, केक, कुकी, सोडा, फलों के जूस

रक्त शर्करा बढ़ाकर लीवर में चर्बी जमा करती है

तले/फ्राइड भोजन

समोसे, पकौड़े, तले स्नैक, चिप्स

ट्रांस/संतृप्त वसा उच्च; वजन और सूजन बढ़ाते हैं

परिष्कृत अनाज

सफ़ेद ब्रेड, सफ़ेद चावल, मैदे का पास्ता

फाइबर कम; रक्त शर्करा तेजी से बढ़ाते हैं

संतृप्त वसा और लाल मांस

बीफ, पोर्क, फैटी मटन, फुल‑फैट दही, चीज़

लीवर में वसा जमा बढ़ाता है, इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता है

प्रोसेस्ड मीट/उच्च नमक

सॉसेज, सलामी, अचार, चिप्स

सोडियम और संरक्षकों से भरपूर; ब्लड प्रेशर और लीवर पर दबाव बढ़ाते हैं

ट्रांस/हाइड्रोजनेटेड फैट

मार्जरीन, पाम/कोकोनट तेल में तली चीजें

सूजन बढ़ाते हैं; लीवर और हृदय रोग का खतरा बढ़ाते हैं

स्वस्थ विकल्प: इनकी जगह क्या खाएँ?

हालांकि यह लेख मुख्य रूप से बचने वाली चीज़ों पर केंद्रित है, लेकिन सही विकल्पों का पता होना भी महत्वपूर्ण है ताकि आप संतुलित भोजन बना सकें।

  • साबुत अनाज: ब्राउन राइस, बाजरा, जौ, ओट्स, टूटे गेहूं का उपमा। ये फाइबर और विटामिन से भरपूर होते हैं और रक्त शर्करा धीरे‑धीरे बढ़ाते हैं।
  • दालें और बीन्स: राजमा, चना, मूंग, सोयाबीन और लोबिया पौधे‑आधारित प्रोटीन और फाइबर देते हैं।
  • फल और सब्जियाँ: गाजर, कद्दू, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, जामुन, सेब, अनार और अंगूर जैसे फल। Medical News Today बताता है कि ब्रोकली, नट्स और हरी चाय भी लीवर के लिए अच्छे हैं।
  • स्वस्थ वसा: जैतून तेल, सरसों तेल, मूंगफली तेल जैसे मोनो/पॉली अनसैचुरेटेड फैट वाले तेल; बादाम, अखरोट, अलसी के बीज।
  • कम वसा वाला डेयरी: टोंड दूध, दही और घर का बना पनीर।
  • मसाले और जड़ी‑बूटियाँ: हल्दी, अदरक, दालचीनी और लहसुन में सूजन‑रोधी गुण हैं; इन्हें भोजन में शामिल करें, पर सप्लीमेंट के रूप में लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

जीवन‑शैली के अन्य सुझाव

  • नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता का एरोबिक एक्सरसाइज करें और 2-3 बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें। यह वजन घटाने और लीवर में वसा कम करने में मदद करता है।
  • वजन नियंत्रण: शरीर के वजन का 5–10 % घटाने से लीवर की चर्बी और सूजन में बड़ा सुधार हो सकता है।
  • मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण: हाई ब्लड शुगर और ट्राइग्लिसराइड्स लीवर में वसा बढ़ाते हैं। उचित दवा और जीवन‑शैली से इन्हें नियंत्रण में रखें।
  • पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन: नींद की कमी और तनाव हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता है।
  • हाइड्रेशन: दिन भर पर्याप्त पानी और बिना चीनी वाले पेय (जैसे नारियल पानी, हर्बल चाय) पिएं।

वास्तविक जीवन का उदाहरण

अनुज (37) एक ऑफिस कर्मचारी हैं जिन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच में लीवर एंजाइम बढ़े मिले। डॉक्टर ने उन्हें फैटी लिवर की शुरुआती अवस्था बताई और उनके खान‑पान पर ध्यान देने को कहा। अनुज ने पहले रोज़ शाम को समोसे, कोल्ड ड्रिंक और रात्रि में तला हुआ भोजन खाया करते थे। उन्होंने अपनी आदतें बदली:

  1. मीठे और तले भोजन बंद किए: उन्होंने सोडा और पैकेज्ड जूस छोड़ दिए और नमकीन‑चिप्स की जगह फलों और मूंगफली खानी शुरू की।
  2. साबुत अनाज अपनाए: सफेद चावल के बजाय ब्राउन राइस और रोटी में बाजरा और जौ मिलाया।
  3. दही‑पनीर: पूरी‑फैट दही की जगह टोंड दही और घर का बना पनीर लिया।
  4. नियमित चलना: सुबह‑शाम 30 मिनट पैदल चलना और हफ्ते में दो बार योग करना शुरू किया।
  5. शराब से दूरी: सप्ताहांत पार्टी में भी उसने शराब नहीं पी।

छह महीनों के भीतर उनका वजन 6 किलो कम हुआ और लीवर एंजाइम सामान्य होने लगे। यह दर्शाता है कि अनुशासन और सही चयन से फैटी लिवर को रोका या घटाया जा सकता है।

निष्कर्ष

फैटी लिवर को ठीक करने या इससे बचने में सबसे महत्वपूर्ण कदम क्या खाना है और क्या नहीं का सही चुनाव है। शराब, अतिरिक्त चीनी, तले हुए खाद्य, परिष्कृत अनाज, संतृप्त वसा और उच्च‑सोडियम वाले भोजन लीवर में वसा जमा कर सकते हैं और सूजन बढ़ा सकते हैं।

इसके विपरीत, साबुत अनाज, दालें, फल‑सब्जियाँ, स्वस्थ वसा और नियमित व्यायाम लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। अपने भोजन पर ध्यान दें, डॉक्टर/डाइटीशियन से परामर्श लें और छोटी‑छोटी आदतों में बदलाव करके लीवर की सेहत बेहतर बनाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या गुड़/शहद खाने से नुकसान नहीं होगा? 

गुड़ और शहद प्राकृतिक जरूर हैं, लेकिन इनमें भी चीनी होती है। लीवर पर प्रभाव शक्कर जैसा ही हो सकता है, इसलिए मध्यम मात्रा में ही लें।

2. क्या डिटॉक्स ड्रिंक लीवर साफ़ करते हैं? 

कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि डिटॉक्स ड्रिंक लीवर से “विषाक्त पदार्थ” निकालते हैं। स्वस्थ लीवर स्वयं विषाक्त पदार्थों को हटाने में सक्षम होता है; detox प्रोग्राम कुछ मामलों में नुकसानदायक भी हो सकते हैं।

3. क्या कॉफी पीना सही है? 

रिसर्च में कॉफी का सेवन लीवर फाइब्रोसिस के जोखिम को कम करने से जुड़ा है। लेकिन चीनी और क्रीम मिलाने से बचें और इसे संतुलित आहार के साथ ही लें।

4. क्या फलों का जूस पी सकते हैं? 

पूरा फल फाइबर देता है; जूस में फाइबर नहीं होता और अक्सर अतिरिक्त चीनी होती है। इसलिए ताजा फल ज्यादा बेहतर हैं।

5. क्या सोया या ओट्स से बने दूध पी सकते हैं? 

हां, सोया, ओट्स या बादाम दूध लो‑फैट विकल्प हैं, पर सुनिश्चित करें कि उनमें अतिरिक्त चीनी न हो।

References:

1. Fatty Liver Diet: What Foods to Eat and What Foods to Avoid

https://www.healthline.com/health/fatty-liver-diet

2. Fatty liver diet: Foods to eat and avoid

https://www.medicalnewstoday.com/articles/320082

3. Get Rid of Fatty Liver Disease: Diet, Supplement & Lifestyle Tips

https://www.webmd.com/fatty-liver-disease/fatty-liver-disease-diet

4. Nonalcoholic Fatty Liver Disease and Obesity Treatment - PMC 

https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC6770992/

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